आज उनके द्वारा कई संस्थाएं जिनमे ‘सन्मति बाल निकेतन (पुणे)’, ममता बाल सदन (सासवड), माई आश्रम (अमरावती), अभिमान बाल भवन (वर्धा), सप्तसिंधु महिला आधार (पुणे), प्रमुख हैं| आज इन् संस्थानों द्वारा हज़ारो अनाथों बच्चों को माँ का स्नेह, प्यार, आशीर्वाद और साथ ही साथ, शिक्षा को भी पाकर अपनी जीवन सुधार रहे हैं|जिसमे से कई बच्चे आज डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, प्रोफेसर जैसे प्रतिष्ठित पदों पर हैं|
उनके इन महान कार्यों के लिए उन्हें 750 से ज्यादा पुरस्कार मिल चुके हैं, जैसे- सामाजिक कार्य के लिए मदर टेरेसा पुरष्कार, अहिल्या बाई होलकर पुरष्कार, CNN द्वारा रियल हेरोस पुरष्कार| इनसे मिली पुरस्कार राशि का उपयोग अपनी बेटी की मदद से बच्चों का भविष्य सवारने में कर रही| इतना ही नहीं, 2010 में अनंत महादेवन में उनकी ज़िंदगी से प्रभावित हो कर उनके ऊपर “में सिंधु ताई सपकाल” बायोपिक बना दी|